नफ़सा नफ़सी का आलम है.. अदाकार तो मिलते है वफ़ादार नही..
सरकार कोई भी आए, पर अच्छे दिन नमाज पढ़ने से ही आएंगे !!
Jab Aap Fikar Me Hoty Hain Tab Aap Jalty Hain, Jab Aap Be-Fikar Hote Hain Tab Duniya Aap Se Jalti Hain !!
इबादत वो है जिसमें जरूरतों का ज़िक्र ना हो, सिर्फ उसकी रहमतों.. का शुक्र हो !!
अफसोस इस बात का नही कि धर्म का धंधा हो रहा है, अफसोस तो इस बात का है कि पढ़ा लिखा भी अंधा हो रहा है..
यकीन कीजिये "ALLAH" के फैसले हमारी ख्वाहिशों से बेहतर होते है!..
Jo Raat Ke Baad Din Laata Hai,Garmi Ke Baad Thand Deta Hai, Beshak Wohi KHUDA Pareshani Ke Baad Khushiyan Bhi Dega !!
खाना रोज खाता हूं, पानी रोज पीता हूं,बाजार रोज जाता हूं, मस्जिद 7 दिन में जाता हूं, और कहता हूं जुम्मा मुबारक भाई !!
Log Mere Bare Mein Hazaar Ghalat Andazay Laga Lain, Magar Meri Niyat Mera ALLAH Janta Hain !!
Log Kabhi Na Kabhi Chor Jatey Hain, Lekin ALLAH Humesha Sath Rehta Hain !!
Yeh Jo Allah Ke Faisley Hote Hai Na.. Humari Khuwaishat Se Behtar Hote Hain !!
Namaz Ko Mat Kaho Mujhe Kaam Karna Hain, Kaam Ko Kaho Mujhe Namaz Parhni Hain !!
Tum Allah Ko Khush Rakhon... Allah Tumhe Khush Rakhega.
“नसीब वाले ही पाते हे मौत अल्लाह के घर में, वरना हादसे तो लाख होते हे इस दुनिया में।”
अगर तुम अपने अंदर से गुरुर की आदत को मिटा देना चाहते हो तो, गरीब इंसान को सलाम कर दिया करो।
अगर तुम किसी से मुहब्बत करते हो तो, उसका हाथ थामो और कहो, आओ नमाज़ पढ़ते है।
तुम जन्नत न मांगों, बल्कि तुम दुनिया में ऐसे काम करो, के जन्नत तुमको मांगे !!
जानते हैं बदनसीब कौन हौता है… वो जिसे अपने रब से दुआ मांगने का भी वक़्त ही ना मिले.
आंसू वो खामोश दुआएं हैं.. जो सिर्फ रब ही सुन सकता है.
नसीब से ज्यादा कीमती दुआ होती है, क्यों की जब ज़िन्दगी में सब कुछ बदल जाये तो दुआ नसीब को बदल सकती है.
कभी कभी दुआएं रब के फेसले नहीं बदलती मगर आपका दिल बदल देती हैं और रब के फैसले के मुताबिक कर देती हैं.
किसी से मोहब्बत का बेहतरीन तरीका ये हे है की उसे अपनी दुआओं में हमेशा याद रखा जाये.
रात की तन्हाई में खामोशी से जब दुआ मांगो तो लगता है अल्लाह सिर्फ मेरा है.
जब भी किसी को दुआ दो अच्छी और दिल से दो क्यों की वो दुआ पहले आपके अपने हक में कुबूल होती है.
दो ही चीज़ें एसी है जिसमे किसी का कुछ नहीं जाता.. एक मुस्कराहट और दूसरी दुआ हमेंशा बांटते रहें.
अपने रब से मांगो क्योंकी ना वो औकात देखता है ना ज़ात...
कभी सजदे कभी आसूँ हजारों कोशिशे लेकिन जो हक में नहीं बेहतर वो रोने से नहीं मिलता..