12.सूरह अस्र

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
1. वल अस्र
2. इन्नल इंसाना लफि खुस्र
3. इल्लल लज़ीना आमनु व अमिलुस सालिहती व तवासौ बिल हक्की वतवा सौ बिस सब्र

सूरह अस्र तर्जुमे के साथ

अल्लाह के नाम से शुरु जो बहुत मेहरबान रहमतवाला है
1. ज़माने की क़सम है
2. कि इंसान बड़े घाटे में है
3. सिवाए उन लोगों के जो ईमान लाये नेक अमल करते रहें, एक दुसरे को हक़ (पर क़ायम रहने) की और सब्र करने की ताकीद करते रहें